Government Holiday: राम लला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर मोदी सरकार ने लिया ऐतिहासिक निर्णय
Ayodhya: भारत के इतिहास में 22 जनवरी, 2024 का दिन सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो चुका है। इस पावन तिथि पर श्री अयोध्या में भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह आयोजित होगा, जहां सदियों की आस्था और संघर्ष का फल साकार होगा। इस ऐतिहासिक पल में सहभागिता का अवसर हर नागरिक को देने के लिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है – 22 जनवरी को पूरे देश में सरकारी कार्यालयों के लिए आधा-अवकाश।
देशवासियों के हृदय में उमड़ रहा है उल्लास- यह घोषणा न केवल सरकार की धार्मिक संवेदनाओं के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है, बल्कि देशवासियों के हृदय में उमड़ रहे उल्लास और श्रद्धा को भी वाणी देती है। सदियों से चले राम मंदिर निर्माण के आंदोलन में कितनों के सपने, कितनी आहें, कितनी प्रार्थनाएं जुड़ी हुई हैं। आज वह दिन आ रहा है जब उन सपनों को मूर्त रूप मिलने वाला है और इस खुशी का साझीदार बनाने के लिए सरकार ने यह अनूठा कदम उठाया है।
क्या है इस अवकाश का संदेश? आधा-अवकाश यह संदेश देता है कि रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा केवल अयोध्या का पर्व नहीं, बल्कि पूरे भारत का त्योहार है। यह राष्ट्रीय एकता और धार्मिक सद्भावना का प्रतीक है। इस दिन हर भारतीय अपने-अपने तरीके से इस पावन अवसर को मनाएगा। राम जन्मोत्सव के जयकारे गूंजेंगे, मंदिरों में पूजा-अर्चना होगी और देशभर में खुशियों का सिलसिला बहेगा।
सरकारी कर्मचारियों को मिला अवसर- सरकारी कर्मचारियों को मिली इस छुट्टी से न केवल उन्हें धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल होने का अवसर मिलेगा, बल्कि वे अपने परिवार के साथ इस पावन क्षण को भी साझा कर सकेंगे। दूर-दराज के स्थानों से लोग अयोध्या की यात्रा कर रामलला के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त करेंगे। यह दिन सांस्कृतिक पुनरुद्धार और आध्यात्मिक उन्नयन का भी अवसर है।
राम मंदिर का निर्माण केवल इमारत नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत और आस्था का प्रतीक है। भगवान राम आदर्श राजा, मर्यादा पुरुषोत्तम और भारतीय संस्कृति के स्तंभ हैं। उनके मंदिर का निर्माण राष्ट्रीय गौरव को बढ़ाएगा और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देगा।
इस ऐतिहासिक अवसर पर देश भर में स्वच्छता अभियान, रक्तदान शिविर, भजन कीर्तन जैसे जनसेवा और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह दिन मानवता और सेवाभाव को बढ़ावा देने का भी अवसर है।
रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह को लेकर देश-विदेश में भारी उत्साह है। विश्व के नेताओं और गणमान्य व्यक्तियों का आगमन भी अपेक्षित है। यह भारत की सांस्कृतिक छवि को भी मजबूत करेगा और दुनिया को भारतीय सभ्यता की महानता का अनुभव कराएगा।
निश्चित रूप से 22 जनवरी, 2024 का दिन भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज होगा। यह धार्मिक आस्था, सांस्कृतिक पुनरुद्धार और राष्ट्रीय एकता का पर्व होगा। इस महान पर्व में शामिल होने के लिए आधा-अवकाश का निर्णय सरकार का सराहनीय कदम है, जो हर भारतीय के हृदय में खुशियों की गूंज को और बढ़ा देगा।