Donald Trump: आखिर क्यों डोनाल्ड ट्रंप ने उठाया जज पर हाथ, जानें क्या है पूरी वजह
Donald Trump Misbehaved: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार कारण सकारात्मक नहीं है। ट्रंप हाल ही में न्यूयॉर्क में एक मानहानि के मामले की सुनवाई के दौरान कोर्टरूम में गुस्से से भड़क उठे और न्यायाधीश को धमकाने तक चले गए। इस घटना ने अमेरिका को स्तब्ध कर दिया है और देशभर में ट्रंप के आचरण की तीखी आलोचना हो रही है।
घटनाक्रम इस प्रकार हुई: ट्रंप की एक पुस्तक की बिक्री से जुड़े एक मानहानि के मामले में जज आर्थर एंगोरोन ट्रंप से सवाल कर रहे थे। सुनवाई के दौरान, ट्रंप न्यायाधीश के सवालों से असहमत होते गए और उनकी जिरह के दौरान बार-बार दखल देने लगे। आखिरकार, जज एंगोरोन ने ट्रंप को चेतावनी दी कि अगर वे दखल देना जारी रखेंगे तो उन्हें कोर्टरूम से बाहर निकाल दिया जाएगा।
यह ट्रंप के लिए असहनीय था। वह गुस्से से तमतार हो उठे और न्यायाधीश की ओर हाथ उठाते हुए धमकाने लगे। उनकी भाषा असंसदीय और अमर्यादित थी। कोर्ट रूम में सन्नाटा छा गया। वहां उपस्थित लोगों की सांसें अटक गईं।
हालांकि, जज एंगोरोन ने तुरंत कार्रवाई की। उन्होंने कोर्ट की सुरक्षा को बुलाया और ट्रंप को बाहर निकालने का आदेश दिया। ट्रंप को अनिच्छा से कोर्टरूम से बाहर जाना पड़ा, लेकिन उनकी नाराजगी कम नहीं हुई। कोर्टरूम के बाहर भी उन्होंने जज एंगोरोन के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया।
ट्रंप का यह व्यवहार बेहद शर्मनाक है। एक पूर्व राष्ट्रपति के लिए कोर्ट रूम में न्यायाधीश को धमकाना और अपमानित करना किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है। यह घटना लोकतंत्र और कानून के शासन के लिए एक गंभीर खतरा है।
ट्रंप के समर्थक उनके इस व्यवहार को एक बार फिर उनके “बाहरी व्यक्ति” होने के दावे के रूप में पेश कर रहे हैं। हालांकि, असहमति और आलोचना को बर्दाश्त करना लोकतंत्र की मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है। ट्रंप का यह आचरण इस बात को दर्शाता है कि वे कानून से ऊपर हैं और लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान नहीं करते।
इस घटना के कई गंभीर परिणाम हो सकते हैं। ट्रंप के खिलाफ मानहानि के मामले में उनके व्यवहार को उनके विपक्ष के खिलाफ इस्तेमाल किया जा सकता है। साथ ही, इससे देश में पहले से ही विद्यमान राजनीतिक विभाजन और बढ़ सकता है।
डोनाल्ड ट्रंप का कोर्टरूम में हुआ यह हंगामा लोकतंत्र के इतिहास में एक काला अध्याय है। यह हमें याद दिलाता है कि सत्ता का दुरुपयोग कभी भी बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए, चाहे वह व्यक्ति कितना भी ताकतवर क्यों न हो। हमें यह भी याद रखना चाहिए कि लोकतंत्र को बचाने की ज़िम्मेदारी हम सभी की है। हमें ऐसे नेताओं को चुनना चाहिए जो कानून का सम्मान करते हैं और लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखते हैं।